व्यक्तित्व की विशेषताएँ ( Personality characteristics in Hindi )

इस पोस्ट पर आप व्यक्तित्व से जुड़ी हुई प्रमुख विशेषताओं के बारे में जानेगें। व्यक्तित्व से किसी व्यक्ति के आकर्षक होने अथवा न होने का पता चलता है, लेकिन व्यक्तित्व को इस तरह एक पंक्ति में संमझना संभव नहीं है, क्योंकि की व्यक्तित्व में किसी व्यक्ति की कई विशेषताओं और हुनर का प्रतिबिंब दिखाई देता है।

व्यक्तित्व की विशेषतायें पढ़ने से पहले आप व्यक्तित्व की परिभाषा और अर्थ को इस पोस्ट से जाकर पढ़ सकते हैं।

व्यक्तित्व की विशेषताएँ :-

व्यक्तित्व व्यक्ति की मानसिक अवस्थाओं का सम्मिलित योग और जन्म के समय और व्यक्ति के पिछले पूरे जीवनकाल में प्राप्ति की प्रवृत्तियों, प्रतिभा, गुणों आदि का योग है। व्यक्तित्व व्यक्ति के जीवन के सभी पहलुओं को दर्शाता है।

व्यक्तित्व की विशेषताओं को हम निम्लिखित भागों में वर्गीकृत करके समझ सकते हैं–

1. सामाजिकता

सामाजिकता व्यक्ति के व्यक्तित्व की एक प्रमुख विशेषता है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और वह समाज के बीच ही रहता है। व्यक्ति समाज के बीच की रहकर अपने सारे क्रिया-कलाप करता है।

2. लक्ष्य – प्राप्ति

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई लक्ष्य जरूर होता है, जिसको ध्यान में रखकर व्यक्ति उस लक्ष्य प्राप्ति के लिए हमेशा प्रयत्नशील लेता है। क्योंकि व्यक्ति अपने लक्ष्य के अनुरूप ही कार्य करता है, इसलिए व्यक्ति के व्यक्तित्व में उसके लक्ष्य का काफी प्रभाव पड़ता है।

3. आत्म – चेतना

आत्म चेतना से यह आशय है कि व्यक्ति आत्मचिंतन के जरिए इस बात का ध्यान रखता है कि समाज में उसकी क्या छवि बन रही है, और समाज के लोग उसके प्रति कैसी भावना रखते हैं।

एक व्यक्ति इस बात का चिंतन जरूर करता है कि उसके द्वारा किए जा रहे कार्यकलापों से लोग उसके पति कैसे धारणा बनाएंगे जो इस बात से हमेशा सजग रहता है कि लोगों की नजरों में उसकी क्या छवि है।

आत्म-चिंतन की दृष्टि से एक छोटा बालक, एक पशु के समान ही है, जिसमें आत्म चेतना का अभाव रहता है।

4. परिवेश के साथ समायोजन

व्यक्ति अपने आपको परिवेश के अनुरूप ढालने का प्रयास करता है, जिससे वह समाज के परिवेश के साथ समायोजन स्थापित कर सके।

यहां समायोजन मतलब यह है कि – अपने आपको परिवेश के मतानुसार ढालना और परिवेश को अपने अनुकूल बनाना।

5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्ति का, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही अच्छे होंं। एक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा होगा जब उसका शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा हो। क्योंकि मनुष्य एक मानोदैहिक जीव है।

6. अनवरत विकास

जैसा कि आप पहले से ही जानते हैं कि विकास एक जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है। एक अच्छे व्यक्तित्व के लिए हमेशा ही उसके विकास की प्रक्रिया उत्तम होनी चाहिए।

मनोवैज्ञानिक गैरीसन, किंगस्टन और मैकडॉनल्ड ने अनवरत विकास के संबंध में कहां है कि– “व्यक्तित्व अनवरत विकास की प्रक्रिया में रहता है।”

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7. भरपूर उत्साह

उत्साह व्यक्ति के जीवन की बहुत महत्वपूर्ण इकाई है। उत्साही व्यक्ति चाहे कैसी ही परिस्थिति आ जाये अपने पथ से विचलित नही होता है। अर्थात वह विपरीत परिस्थितियों में भी उत्साह से युक्त रहता है।


पढ़िये व्यक्तित्व का वर्गीकरण
व्यक्तित्व के सिद्धांत और उनके प्रतिपादक

1 thought on “व्यक्तित्व की विशेषताएँ ( Personality characteristics in Hindi )”

  1. व्यकि्तत्व के पंच कारक सिद्धान्त की विवेचना कीजिये

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