संस्कृत और हिंदी व्याकरण में वर्णों का प्रयत्न के आधार पर वर्गीकरण

इस पोस्ट हम आपको हिंदी और संस्कृत में प्रयत्न के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण के बारे में बताएंगे। पिछली पोस्ट में हमने आपको हिंदी और संस्कृत में उच्चारण स्थान के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण के बारे में बताया था।

किसी भी वर्ण का उच्चारण करने पर मुख के अंगों को जो प्रयास करना पड़ता है, उसे ही प्रयत्न कहते है। प्रयत्न के आधार पर वर्णों को भी पुनः निम्नलिखित तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है –

कम्पन के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण

कम्पन के आधार पर भी वर्ण निम्नलिखित दो प्रकार के होते है –
• घोष वर्ण
• अघोष वर्ण

घोष वर्ण –

घोष वर्णों का उच्चारण करने पर नाद या गूँज अधिक होती है। घोष वर्णों के अंतर्गत निम्नलिखित कुल 31 वर्ण आते हैं–
• प्रत्येक वर्ग का 3, 4, 5 वाँ वर्ण
• य, र, ल, व, ह
• सभी ग्यारह स्वर

अघोष वर्ण –

अघोष वर्णों का उच्चारण करने पर नाद या गूँज कम होती है। घोष वर्णों के अंतर्गत निम्नलिखित कुल 13 वर्ण आते हैं –
प्रत्येक वर्ग का पहला और दूसरा वर्ण
• श ष स

श्वास वायु के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण

श्वास वायु के आधार पर वर्ण निम्नलिखित दो प्रकार के होते है –
अल्पप्राण
महाप्राण

अल्पप्राण

अल्पप्राण वर्ण वे वर्ण होते हैं जिनके उच्चारण के समय श्वास वायु कम मात्रा में बाहर निकलती है। अल्पप्राण के अंतर्गत कुल वर्णों की संख्या 30 है। अल्पप्राण के अंतर्गत निम्नलिखित वर्ण आते हैं –
पाँचों वर्गों के विषम वर्ण (1, 3, 5)
य, र, ल, व

महाप्राण –

महाप्राण वर्ण वे वर्ण होते हैं जिनके उच्चारण के समय श्वास वायु अधिक मात्रा में बाहर निकलती है। महाप्राण के अंतर्गत कुल वर्णों की संख्या 14 है। महाप्राण के अंतर्गत निम्नलिखित वर्ण आते हैं –
पाँचों वर्गों के सम वर्ण (2, 4)
श, ष, स, ह

उच्चारण के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण

उच्चारण के आधार पर वर्णों का वर्गीकरण में व्यंजन वर्ण निम्नलिखित आठ प्रकार के होते हैंं –

(अ) स्पर्शी व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में स्पर्शी व्यंजनों की कुल संख्या 16 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
क, ख, ग, घ
• त, थ, द, ध
• ट, ठ, ड, ढ
• प, फ, ब, म

(ब) संघर्षी व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में संघर्षी व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
श, ष, स, ह

(स) स्पर्श-संघर्षी व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में स्पर्श-संघर्षी व्यंजनों की कुल संख्या 4 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
च, छ, ज, झ

(द) नासिक्य व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में नासिक्य व्यंजनों की कुल संख्या 5 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
ड, ञ, ण, न, म

(य) उत्क्षिप्त, ताड़नजात या द्विगुणित व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में उत्क्षिप्त, ताड़नजात या द्विगुणित व्यंजनों की कुल संख्या 2 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
ढ, ड

(र) पार्श्विक व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में पार्श्विक व्यंजनों की कुल संख्या 1 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –

(ल) प्रकम्पित व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में उत्क्षिप्त, ताड़नजात या द्विगुणित व्यंजनों की कुल संख्या 1 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –

(व) संघर्षहीन व्यंजन, अर्द्ध स्वर या अर्द्ध व्यंजन

हिंदी वर्णमाला में संघर्षहीन व्यंजन, अर्द्ध स्वर या अर्द्ध व्यंजनों की कुल संख्या 2 होती है जो कि निम्नलिखित हैं –
य, व


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