समावेशी शिक्षा का अर्थ जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है सभी को सम्मलित करके बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार के बालकों और बालिकाओं की क्षमता को ध्यान में रखकर शिक्षा प्रदान करना है।
HindiKiBaat के इस पोस्ट पर हम आज समावेशी शिक्षा के अर्थ को विस्तार से जानेंगे, क्योंकि समावेशी शिक्षा वर्तमान समय मे बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
समावेशी शिक्षा में प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ साथ विशेष क्षमता वाले विद्यार्थियों को भी साथ में लेकर शिक्षा प्रदान की जाती है मतलब उनकी क्षमता को ध्यान में रखकर शिक्षा दी जाती है।
समावेशी शिक्षा का अर्थ :-
समावेशी शिक्षा के अंतर्गत मंदबुद्धि शारीरिक रूप से दिव्यांगों छात्र एवं छात्राओं को उनकी बुद्धि के आधार पर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।
क्योंकि इस शिक्षा में समाज के सभी वर्ग से आने वाले और विभिन्न क्षमताओं के विद्यार्थियों को सम्मिलित कर के शिक्षा प्रदान की जाती है, इसीलिए इसे समावेशी शिक्षा की संज्ञा दी गई है।
समावेशी शिक्षा की परिभाषा || समावेशी शिक्षा प्रणाली क्या है :-
समावेशी शिक्षा की परिभाषा और समावेशी शिक्षा की प्रणाली के कार्य करने के तरीके के संदर्भ में विभिन्न विद्यालयों में विद्वानों ने अपने मत रखें उनमें से कुछ यहां दिए जा रहे हैं जिससे आपको समावेशी शिक्षा प्रणाली को और बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
स्टीफन और ब्लैकहर्ट के अनुसार समावेशी शिक्षा का अर्थ एवं परिभाषा :-
स्टीफन और ब्लैकहर्ट ने समावेशी शिक्षा को निम्नलिखित रुप से परिभाषित किया है –
शिक्षा की मुख्य धारा का अर्थ बाधित बालकों एवं बालिकाओं ( ऐसे बालक एवं बालिकाएं शारीरिक अथवा मानसिक रूप से सामान्य बालकों और बालिकाओं की अपेक्षा कम क्षमता रखते हैं ) को सामान्य विद्यार्थियों के साथ एक ही कक्षा में शिक्षा की व्यवस्था करना है जिससे उनको सामान्य विद्यार्थियों की तरह ही आगे बढ़ने में मदद मिले और उन्हें हीन भावना का एहसास ना हो कि वह दूसरे से कमतर हैं।
यरशेल के अनुसार समावेशी शिक्षा का अर्थ :-
समावेशी शिक्षा की सहायता से सभी विद्यार्थी योग्यता, लिंग, जाति, भाषा, बुद्धि, सामाजिक व आर्थिक स्थिति, विकलांगता आदि स्तिथियों के किसी भी प्रकार के नकारात्मक प्रभाव के बिना पूरे आत्मविश्वास के साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं।
यस के दूबे के अनुसार :-
“समावेशी शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो छात्रों की योग्यता, क्षमता, शरीरिक और आर्थिक स्थितियों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करती है।”
R•K• शर्मा के अनुसार समावेशी शिक्षा की परिभाषा :-
“समावेशी शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जिसका उपयोग करके प्रतिभाशाली और शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों को एक साथ शिक्षा दी जाती है।”
उमातुलि के अनुसार समावेेेशी शिक्षा का अर्थ और परिभाषा :-
“समावेशी शिक्षा के अंतर्गत दैहिक, संवेगात्मक, और सीखने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए संसाधनों का विस्तार करना होता है।”
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