इस पोस्ट में आपको हिंदी वर्णमाला के कुछ विशेष प्रकार के वर्ण और व्यजनों के बारे में जानकारी मिलेगी। जैसे :-
अयोग वाही वर्ण क्या होते हैं? द्वित्व व्यंजन क्या होते हैं? संयुक्त व्यंजन व्यंजन क्या होते हैं? संगम या संहिता की परिभाषा और उदाहरण। अनुतान क्या है, परिभाषा और उदाहरण?
स्वर वर्ण
अँ, अ, आँ, आ, इँ, इ, ईँ, ई, उँ, उ, ऊँ, ऊ, ऋ, एँ, ए, ऐँ, ऐ, ओँ, ओ, औँ, औ।
व्यंजन वर्ण
क क्ष ख ग घ
च छ ज ज्ञ झ
ट ठ ड ढ
त त्र थ द ध न
प फ ब भ म
य र ल व
श श्र ष ह
हिंदी वर्णों से जुड़ी हुई तथ्यात्मक जानकारियाँ
अयोगवाही वर्ण
अं, अः
ये दो ऐसी ध्वनियाँ है, जो न तो स्वर में शामिल हैंं और न ही व्यंजन में। इन दोनों को अयोगवाही वर्ण के नाम से जाना जाता है।
द्वित्व व्यंजन
जब किसी शब्द में एक ही प्रकार के दो व्यंजन वर्ण लगातार एक साथ आ जाते है तो उन्हें द्वित्व व्यंजन कहा जाता है। जैसे उदाहरण के लिए –
कच्चा, सच्चा, सज्जन, पक्का इत्यादि।
संयुक्त व्यंजन
जब किसी शब्द में अलग-अलग प्रकार के दो व्यंजन एक साथ आ जाते है तो वहाँ उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है, जैसे – स्पष्ट, स्नान, वाग्धीर, स्मरण, खण्ड, व्यंजन इत्यादि।
संगम या संहिता
जब किसी शब्द में किसी स्थान पर विराम लेने से अर्थ में परिवर्तन आ जाता है तो उसे संगम या संहिता कहा जाता है। जैसे उदाहरण के लिए –
• तुम्हारे पास कितने पेन हैं?
• मैच में तुम हारे कैसे?
अनुतान
जब किसी वाक्य में वक्ता के उच्चारण के अनुसार अर्थ में परिवर्तन होता है, अर्थात् यदि वक्ता अपना लहजा परिवर्तित कर लेता है एवं उससे वाक्य के अर्थ में भी परिवर्तन आ जाता है तो उसे अनुतान कहा जाता है।
• मोहन जाएगा। सरल वाक्य
• मोहन जाएगा? प्रश्न वाचक वाक्य
• मोहन जाएगा! विस्मयादिबोधक वाक्य।
• संस्कृत और हिंदी व्याकरण में वर्णों का उच्चारण स्थान के आधार पर वर्गीकरण
• स्वरों का मात्राकाल, उच्चारण, जिह्वा, ओष्ठों और मुखाकृति के आधार पर वर्गीकरण
• संस्कृत और हिंदी व्याकरण में वर्णों का प्रयत्न के आधार पर वर्गीकरण