यहां पर हम आपको आज CTET Exam की EVS NCERT Notes in hindi के बारे में बतायेंगे। सीटेट परीक्षा के लिए ईवीएस विषय के प्रश्न एनसीईआरटी की 3 4 और 5 किताब से ही आते हैं इस पोस्ट में हम आपको क्लास 3rd के नोट्स देंगे जो आपके लिए CTET एग्जाम में काम आएंगे। EVS NCERT class 4th के लिए आप इस लिंक पे जाएं।
Class 3rd NCERT EVS Notes in Hindi
● चूहों की देखने की क्षमता कम होती है, पर सूंघने, छूने और टेस्ट करने की क्षमता बहुत ही अच्छी होती है।
● नागपुर के लोग दाल में चीनी डालते हैं।
● डांस में हाथ और चेहरे के जरिए भावनाएं दिखाई जाती हैं, जिन्हें मुद्रा और भाव कहते हैं।
● उल्लू अपनी गर्दन पीछे तक घुमा सकता है।
● पक्षियों के पंख उन्हें उड़ने में मदद करते हैं, और गर्माहट भी देते हैं। पक्षियों के पुराने पँख झड़ते रहते हैं, और नए आते रहते हैं।
● ब्रेल लिपि एक मोटे कागज पर लिखी जाती है, जिसमें एक नुकीली चीज से बिंदुओं को उभारा जाता है।
● ब्रेल लिपि में उबरे हुए बड़े बिंदुओं पर उंगलियों के सहारे इसे पढ़ा जाता है।
● ब्रेल लिखावट उन लोगों के लिए होती है, जो आंखों से देख नहीं सकते हैं वह उन्हीं बिंदुओं को छू कर के समझते हैं कि क्या लिखा है।
● ब्रेल लिपि, लुइस ब्रेल जो कि फ्रांस के थे उनके नाम पर इस लिपि का नाम रखा गया है।
● लुइस ब्रेल की 3 साल की उम्र किसी दुर्घटना से इनकी आंखों की रोशनी चली गई थी।
● लुइस ब्रेल की पढ़ाई में रुचि थी तो वह पढ़ने लिखने के लिए विभिन्न नये तरीके सोचने लगे उन्होंने जो तरीका निकाला बाद में उसे (Braille) ब्रेल स्क्रिप्ट के नाम से जाना गया।
● यह स्क्रिप्ट छह बिंदुओं पर आधारित थी अब यह कंप्यूटर के प्रयोग से भी लिखी जा सकती है।
● अगर आप बच्चों को ब्रेल स्क्रिप्ट के बारे में बताएंगे और समझएँगे तो वह उसे अच्छे से समझ पाएंगे।
● शुरुआत में बर्तन पत्थर या चिकनी मिट्टी के बनाए जाते थे।
● श्रीनगर में प्रसिद्ध कहवा चाय बनाई जाती है।
● डल लेक श्रीनगर में है।
● शिकारा नाम की नाम की नाव से टूरिस्ट डल लेक में इंजॉय करते हैं।
● हाउस वोट श्रीनगर में पाई जाती है।
● पक्षी कीड़ों को खा कर फलों को कीड़ों से को से बचाते हैं।
● बज्जू नामक गांव राजस्थान में है। मैप को समझने के लिए सिंबल्स की समझ होना जरूरी है।
● रीयूज वाटर के बारे में डिस्कशन करने से बच्चों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता आएगी।
● हांगकांग में सांप खाए जाते हैं, इसके सूप को लिंग-हू-फेन कहते हैं।
● कश्मीर में सरसों के तेल में मछली को पका कर खाते हैं, जबकि गोवा में नारियल के तेल में मछली को पकाया जाता है।
● टैपिओका (Tapioca) एक प्रकार का फल है जो केरल में उबालकर खाया जाता है।
● वल्चर (vulture) या गिद्ध मरे हुए जानवरों को खाता है।
● हमिंग बर्ड की चोंच सुई की नोक जैसी होती है।
● कबूतर की चोंच गुलाबी और पंख ग्रे रंग के होते हैं।
● असम में घर जमीन से 10 से 12 फुट ऊपर होते हैं और यह बांस से बनाए जाते हैं। और घर के अंदर भी लकड़ियों का ही प्रयोग होता है।
● असम में घर को ऊंचाई पर बनाए जाने का कारण यह है कि असम में भारी बारिश होती है, जिसके कारण घर में पानी भरने का खतरा बना रहता है।
● मनाली में पत्थर और लकड़ी दोनों से घर बनते हैं, और यहां बारिश के साथ-साथ बर्फ भी पड़ती है।
● राजस्थान में मड जो कि एक प्रकार की गीली मिट्टी है, के घर बनाए जाते हैं और छत झाड़ियों से बनती है।
● राजस्थान के लोग टैंक (Tank) को टंका (tanka) भी कहते हैं।
● राजस्थान के लोग अपने घर के आंगन में गड्ढा बनाते हैं।
● राजस्थानी लोग छत को ढलानदार बनाते हैं, जिससे वह बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं, और उसका उपयोग दैनिक जीवन में करते है।
CTET pedagogy notes in hindi || शिक्षा शास्त्र नोट्स इन हिंदी
● बच्चे क्लासिफिकेशन की स्किल सीख सकते हैं अगर उन्हें कुछ categorize (वर्गीकरण करना) करने को कहा जाए जैसे जानवर, वस्तुएं आदि।
● बच्चों को अपने आसपास की सूचनाएं एकत्र करने के लिए, मोटिवेट या प्रोत्साहित किया जा सकता है क्योंकि वे आस-पास के वातावरण से ज्यादा अच्छे से सीखते हैं।
● बच्चे को प्रकृति को ऑब्जर्व करने का अवसर दें ना कि केवल कक्षा में ही प्रकृति के बारे में बताएं। प्रकृति के बारे में सक्रिय प्रतिभागी होने से उनमें प्रकृति के प्रति प्यार और जागरूकता बढ़ेगी।
● शिक्षक कक्षा में बच्चों को बाहरी दुनिया से जोड़कर चीजों को पढ़ा सकते हैं। जिससे बच्चों को ज्यादा समझ में आता है और वह चीजों को दुनिया से जोड़कर देख पाते हैं।
● बच्चों को समूह में कार्य करने के लिए प्रेरित करें जिससे उनकी डाइवर्सिटी या विविधता के गुण बनाने में मदद मिलेगी।
● बच्चों को अच्छी और प्रेरित कहानियां पढ़ने के लिए प्रेरित करेना चाहिए।
● बच्चों को क्रिएटिविटी में प्रोत्साहित करें।
● बच्चों को चित्रकला में भी कुछ बनाने को दें।
● कई बार बच्चों को वर्गीकरण करने का अवसर दें, और उन्हें खुद निर्णय लेना सिखाएं।
● किसान, डॉक्टर, ग्रैंड पेरेंट्स और भी बहुत से सामाजिक विषयों पर बच्चों से बातें करें और उनके बारे में बताएं।
● बच्चों को पेड़ से दोस्ती करना सिखाए उनका ध्यान कैसे करना है यह बताएं और पर्यावरण के प्रति जागरूक करें।
● बच्चों को अपने देश की संस्कृति रीजनल सॉन्ग, नृत्य इन सभी विषयों की जानकारी दें और उनमें और ज्यादा जानने की उत्सुकता जगाए।
● बच्चों को आसानी से यूज होने वाले रिसोर्सेज के बारे में बताएं और उनको बढ़ावा दें।
● बच्चों को उनके अनुभवों से जोड़कर चीजों को समझाएं बच्चों को खुद को एक्सप्रेस करने का मौका दें
● बच्चों से जेंडर यीशु पर डिस्कशन करें और उनको बताएं
● बच्चों को पक्षियों के बारे में बताएं
● बच्चों को मैप पर जगह कैसे ढूंढना है यह सब सिखाएं मैप कैसे देखना है उसकी जानकारी दें।
● बच्चों को बताएं जैसे गेम में नियम होते हैं या बनाए जाते हैं वैसे भी अपनी जिंदगी में भी अच्छे नियम बनाएं और उनका पालन करें।
● बच्चों को फूलों के बारे में, उनको कैसे पहचानना है और उनकी विशेषताएं बताएं।
● बच्चों को पर्यावरण और समाज में होने वाले परिवर्तन के बारे में बताएं।
● साथ में खाने पीने का प्रोग्राम ऑर्गेनाइज करवाएं।
● बच्चों को सिखाएं कि वह अपने पड़ोसी, अपने से बड़े लोगों, छोटे लोगों से कैसे बात करें।
● बच्चों को इतिहास के बारे में जानकारी दें।
● बच्चों को सुरक्षात्मक नियम सिखाएं जैसे आग से कैसे बचना है, आदि के बारे में जानकारी दें।
● बच्चों को प्रतिशत का प्रयोग आम जिंदगी में होने वाली चीजों के माध्यम से बताएं। जिससे वह उसे आसानी से समझ सकें।
● बच्चों को टेंपरेचर या तापमान के बारे में जानकारी दें।
● और ऐसी ही बहुत सी चीजों के बारे में बताएं जिसे बच्चे आसानी से सीख सकें।
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